ईमानदारी की हुई जीत .. जनरल वी. के .सिंह की बात निकली सच ..
पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह को रिश्वत की पेशकश के मामले में फंसे लेफ्टिनेंट जनरल तेजिंदर सिंह पर शनि देवता के प्रकोप की आशंका ..
भ्रष्ट लेफ्टिनेंट जनरल तेजिंदर सिंह पर आय से
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पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह को रिश्वत की पेशकश के मामले में फंसे लेफ्टिनेंट जनरल तेजिंदर सिंह पर शनि देवता के प्रकोप की आशंका ..
भ्रष्ट लेफ्टिनेंट जनरल तेजिंदर सिंह पर आय से
अधिक संपत्ति बनाने का नया केस दर्ज होने की सम्भावना ...
सेनाध्यक्ष रहे जनरल वीके सिंह को रिश्वत की पेशकश के मामले में फंसे लेफ्टिनेंट जनरल तेजिंदर सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सीबीआइ उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति बनाने का नया केस दर्ज करने पर विचार कर रही है। इसके लिए तेजिंदर सिंह के यहां शनिवार को मिले दस्तावेजों की जांच कर उनकी वास्तविक संपत्ति का पता लगाया जा रहा है। इस मामले में आयकर विभाग की मदद ली जा सकती है। सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार रिश्वत पेशकश मामले में मारे गए छापे के दौरान तेजिंदर की बेनामी संपत्तियों से संबंधित दस्तावेज मिले हैं। जिनमें कई चल-अचल संपत्तियों के अलावा कई कंपनियों में भारी निवेश भी शामिल है। जल्द ही उन्हें सीबीआइ मुख्यालय बुलाकर पूछताछ की जाएगी। अधिकारी के अनुसार यदि सेवानिवृत होने के पहले तक तेजिंदर की संपत्ति उनकी घोषित आय से अधिक पाई गई तो उनके खिलाफ अलग से केस दर्ज किया जाएगा। गौरतलब है कि टाट्रा ट्रकों की खरीद को हरी झंडी देने के लिए तत्कालीन सेनाध्यक्ष वीके सिंह को 14 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश करने के आरोप में सीबीआइ तेजिंदर के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर चुकी है। हालांकि इस साल मार्च में वीके सिंह के रहस्योद्घाटन के बाद तेजिंदर ने आरोपों को खारिज करते हुए उनके खिलाफ अदालत में मानहानि का दावा भी कर चुके हैं। लेकिन छह माह की छानबीन के बाद सीबीआइ ने वीके सिंह के आरोपों को सही पाया। यही नहीं, रक्षा सौदों के दलाल अभिषेक वर्मा से पूछताछ के दौरान भी सीबीआइ को तेजिंदर के कारनामों के बारे में नए तथ्य सामने आने की जानकारी मिली थी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि तेजिंदर कई दलालों के संपर्क में थे और उन तक रक्षा सौदों से खरीद से संबंधित सूचनाएं भी उपलब्ध कराते थे। इसके एवज में उन्हें नियमित भुगतान तक के सुबूत मिले हैं ।
सेनाध्यक्ष रहे जनरल वीके सिंह को रिश्वत की पेशकश के मामले में फंसे लेफ्टिनेंट जनरल तेजिंदर सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सीबीआइ उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति बनाने का नया केस दर्ज करने पर विचार कर रही है। इसके लिए तेजिंदर सिंह के यहां शनिवार को मिले दस्तावेजों की जांच कर उनकी वास्तविक संपत्ति का पता लगाया जा रहा है। इस मामले में आयकर विभाग की मदद ली जा सकती है। सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार रिश्वत पेशकश मामले में मारे गए छापे के दौरान तेजिंदर की बेनामी संपत्तियों से संबंधित दस्तावेज मिले हैं। जिनमें कई चल-अचल संपत्तियों के अलावा कई कंपनियों में भारी निवेश भी शामिल है। जल्द ही उन्हें सीबीआइ मुख्यालय बुलाकर पूछताछ की जाएगी। अधिकारी के अनुसार यदि सेवानिवृत होने के पहले तक तेजिंदर की संपत्ति उनकी घोषित आय से अधिक पाई गई तो उनके खिलाफ अलग से केस दर्ज किया जाएगा। गौरतलब है कि टाट्रा ट्रकों की खरीद को हरी झंडी देने के लिए तत्कालीन सेनाध्यक्ष वीके सिंह को 14 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश करने के आरोप में सीबीआइ तेजिंदर के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर चुकी है। हालांकि इस साल मार्च में वीके सिंह के रहस्योद्घाटन के बाद तेजिंदर ने आरोपों को खारिज करते हुए उनके खिलाफ अदालत में मानहानि का दावा भी कर चुके हैं। लेकिन छह माह की छानबीन के बाद सीबीआइ ने वीके सिंह के आरोपों को सही पाया। यही नहीं, रक्षा सौदों के दलाल अभिषेक वर्मा से पूछताछ के दौरान भी सीबीआइ को तेजिंदर के कारनामों के बारे में नए तथ्य सामने आने की जानकारी मिली थी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि तेजिंदर कई दलालों के संपर्क में थे और उन तक रक्षा सौदों से खरीद से संबंधित सूचनाएं भी उपलब्ध कराते थे। इसके एवज में उन्हें नियमित भुगतान तक के सुबूत मिले हैं ।
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Nice!!
ReplyDeleteNice blog, Informative. Thanks for sharing
ReplyDeleteBrigade Citadel
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