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Wednesday 15 August 2012

वाक्य और वाक्य के भेद

वाक्य का अर्थ -

दो या दो से अधिक पदों के सार्थक समूह को, जिसका पूरा पूरा अर्थ निकलता है, वाक्य कहते है जैसे- "किसान लाठी से खेत जोतता है, इस वाक्य का कोई अर्थ नहीं निकलता क्योंकि किसान 'लाठी' से नहीं 'हल' से खेत को जोतता है



किसी भी वाक्य कि रचना करते वक्त दो तत्वों का होना अति आवश्यक है 

  1. वाक्य का उद्देश्य
  2. वाक्य का विषय
जिसके बारे में बात की जाय उसे उद्देश्य कहते हैं और जो बात की जाय उसे विषय कहते हैं उद्धरण के लिए - विजय के पास एक कार हैं। इस वाक्य मे विजय उद्देश्य है जबकि कार का होना विषय है


वाक्यांश

शब्दों के ऐसे समूह को जिसका अर्थ तो निकलता है किन्तु पूरा पूरा अर्थ नहीं निकलता, वाक्यांश कहते हैं। उदाहरण -
  1. घोड़े पर
  2. हवा मे
  3. कमरे मे
  4. कोने मे
  5. सोने का
आदि विक्यो के अर्थ का बोध तो होता है पर पूरा अर्थ प्रस्तुत नहीं होता इसी लिए इन्हें वाक्यांश कहते हैं।

वाक्य के भेद -

वाक्यों मे दो प्रकार के भेद होते है।
  1. रचना के आधार
  2. अर्थ के आधार

01 - रचना के आधार -

रचना के आधार के आधार पर वाक्य तीन प्रकार के होते है
  1. सरल वाक्य जिन वाक्यों में केवल एक ही उद्देश्य तथा एक कर्ता होता है, उन्हें सरल वाक्य कहते हैं।  जैसे- राम दूध पीता है 
  2. मिश्र वाक्य जिन वाक्यों में सरल वाक्यों के साथ दूसरा वाक्य संबद्द हो उसे  मिश्र वाक्य कहते है  जैसे - वह कैसा आदमी है, जिसने आम न खाया हो
  3. संयुक्त वाक्य - जिस वाक्य मे सरल तथा मिश्र दोनों वाक्य हो उसे संयुक्त वाक्य कहते है। जैसे- मे जा रहा था और मे उधेर से आया

02 - अर्थ के आधार

अर्थ के आधार पर आठ प्रकार के वाक्य होते हँ
  1. विधान वाचक वाक्य - वह वाक्य जिससे किसी प्रकार की जानकारी प्राप्त होती है, विधिसूचक वाक्य कहलाता है। जैसे राम के पिता का नाम दशरथ है। राम घर जाता है। आदि
  2. नकारात्मक वाक्य - जिन वाक्यों मे किसी बात के न होने का बोध हो उनेहे  नकारात्मक वाक्य कहते है जैसे -   राम घर नहीं जाता है। आदि
  3. प्रश्न वाचक वाक्य -  जिन वाक्यों मे किसी प्रकार के प्रश्न किये जाने का बोध हो उनेहे प्रश्न वाचक वाक्य कहते है जैसे - क्या राम घर जाता है? आदि
  4. विस्म्यादि वाचक वाक्यवह वाक्य जिससे किसी प्रकार की गहरी अनुभूति (दया , प्रेम, दुख) का प्रदर्शन किया जाता है, विस्मयादि बोधक वाक्य कहलाता है।  जैसे - वाह ! तुमने तो कमल कर दिया आदि
  5. आज्ञा वाचक वाक्य वह वाक्य जिसके द्वारा किसी प्रकार की आज्ञा दी जाती है या प्रार्थना किया जाता है,  आज्ञा वाचक वाक्य कहलाता है। जैसे - बाजार से फल लेकर आओ । कृपया बैठ जाइये। आदि 
  6. इच्छा वाचक वाक्य -  जिन वाक्यों मे किसी इच्छा के होने का बोध हो उनेहे इच्छा वाचक वाक्य कहते है जैसे -  भगवन आपकी सारी इच्छा पूरी करे। आदि
  7. संदेह वाचक वाक्य -  जिन वाक्यों मे किसी संदेह के होने का बोध हो उनेहे संदेह वाचक वाक्य कहते है जैसे - हो सकता है वो आ जाये । आदि
  8. संकेत वाचक वाक्य -  जिन वाक्यों मे किसी संकेत के होने का बोध हो उनेहे  संकेत वाचक वाक्य कहते है जैसे - अगर बारिश न होती तो खेती सुख जाती । आदि

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